रिपोर्ट- गौतम कुमार
लखीमपुर खीरी। जनपद में पंचायत विभाग के स्थानांतरण को लेकर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि अधिकारियों की मनमानी के कारण स्थानांतरण नीति की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। शिकायत संख्या 40015324043086 जो 26 नवंबर 2024 को आईजीआरएस (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) पर दर्ज की गई थी, अब तक लंबित है।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि पंचायत सचिव कमलेश कुमार राना का स्थानांतरण नियमों के विरुद्ध किया गया है। वे गोला कुंभी विकासखंड में लंबे समय तक तैनात रहे, फिर ईशानगर भेजे गए, जहां एक वर्ष तक सेवा दी। इसके बाद उन्हें फिर से गोला कुंभी स्थानांतरित कर दिया गया। यह मामला कोई नया नहीं है। इससे पहले बिजेंद्र कुमार अवस्थी का बांकेगंज से फूलबेहड़ विकासखंड में स्थानांतरण हुआ था, लेकिन उन्हें वहां की तैनाती रास नहीं आई और एक साल बाद फिर से बांकेगंज भेज दिया गया।
स्थानांतरण नीति के दोहरे मापदंड ?
अब सवाल यह उठता है कि क्या स्थानांतरण नीति सभी के लिए समान नहीं है? क्या कुछ अधिकारियों को विशेष लाभ दिया जा रहा है? यदि ऐसा नहीं है, तो फिर एक ही व्यक्ति को बार-बार मनचाही तैनाती क्यों दी जाती है?
शिकायतकर्ता ने निष्पक्ष जांच और स्थानांतरण नीति के पारदर्शी क्रियान्वयन की मांग की है। जनता अब शासन-प्रशासन के जवाब का इंतजार कर रही है। आखिर ये स्थानांतरण नियमों के तहत हो रहे हैं या फिर किसी विशेष लाभ के लिए?