रायबरेली ब्यूरो धीरेंद्र शुक्ला की रिपोर्ट
ऊंचाहार, रायबरेली। जिम्मेदारों की मिली भगत से बिजली विभाग में तैनात संविदा कर्मचारियों के द्वारा व्याप्त भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन इनके कारनामे उजागर होते रहते हैं। लेकिन जिम्मेदारों की मिनी भगत होने के कारण इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो पाती है।
बिजली विभाग में तैनात संविदा कर्मचारी अब उपभोक्ताओं के उत्पीड़न पर उतर आए हैं। भ्रष्टाचार का आलम यह है। कि खुले आम उपभोक्ता से रिश्वत मांगते हैं। न देने की स्थिति में सीधे उत्पीड़न करने पर आमादा हो जातेहै। अब तो हद हो गई है।क्षेत्र के गांव गंगोली निवासी गिरजाशंकर दुबेदी ने बताया कि डेढ़ साल पहले घरेलू कनेक्शन लिया था जिसमें अभी तक में आठ हजार छ सौ रुपए बिजली का बिल जमा कर दिया है। वही प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत तीन किलोवाट का सोलर पैनल भी किस्त पर लगवाया है। इसके बावजूद आरोप है। कि अपने को बिजली संविदा कर्मचारी बताते हुए आशीष नाम का एक व्यक्ति बाईक से तीन लोगों के साथ घर पहुंचकर बत्तीस हजार का बिजली का बिल निकालते हुए पैसा जमा करने की बात करने लगा। पैसा जमा न करने की स्थिति में मीटर उखाड़कर फेंक दिया। और अपना मोबाइल नंबर देकर आया कहा कि इस पर बात कर लेना नहीं तो बर्बाद कर देने की धमकी देते हुए चले गए दूसरे दिन जब उस नंबर पर बात पीड़ित ने किया तो उसने दस हजार रुपए देने की बात कही जिसके बाद सब रफा दफा करने की बात कही थी। जिसका ऑडियो रिकॉर्डिंग भी पीड़ित के पास मौजूद है। ऑडियो रिकॉर्डिंग इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रही है। हालांकि सी एन आई न्यूज वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करते हैं। पीड़ित ने मुख्यमंत्री के जनता दर्शन दरबार में जाकर गुहार लगाने की बात कही है। वही जब इस बाबत एसडीओ सचिन गौड़ से बात की गई तो मामले की जानकारी होने से इनकार किया है।






