अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा,के तेजतर्रार जिलाध्यक्ष इं. राजकुमार शर्मा के निर्देशन में जिला–मथुरा द्वारा ब्राह्मण समाज को संगठित, सशक्त और जागरूक करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक एवं दूरदर्शी पहल की योजना बनाई जा रही है। इस पहल के अंतर्गत मथुरा जनपद में गाँव-गाँव, बूथ-बूथ और घर-घर तक व्यापक स्तर पर सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान केवल संगठन का विस्तार नहीं, बल्कि समाज की चेतना, एकता और स्वाभिमान को पुनः जागृत करने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।इस सदस्यता अभियान का उद्देश्य संगठन की शक्ति को जमीनी स्तर तक पहुँचाना है। बूथ स्तर से लेकर ग्राम, मंडल और जिला स्तर तक हर ब्राह्मण बंधु को महासभा से जोड़ा जाएगा, ताकि समाज की आवाज़ एकजुट होकर प्रभावशाली रूप में उभर सके। जब संगठन गाँव की चौपाल से लेकर जिला मुख्यालय तक एक सूत्र में बंधेगा, तब समाज के हितों की रक्षा और उत्थान के लिए ठोस कदम उठाए जा सकेंगे।समाज की एकता ही सबसे बड़ी ताकत है।इस महत्त्वपूर्ण अभियान की जानकारी देते हुए वरिष्ठ जिलाउपाध्यक्ष मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि “समाज की एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। जब हर गाँव, हर बूथ और हर परिवार संगठन से जुड़ेगा, तभी ब्राह्मण समाज अपने अधिकार, सम्मान और सामाजिक-राष्ट्रीय भूमिका को मज़बूती से स्थापित कर सकेगा।”उनका यह कथन इस अभियान की आत्मा को स्पष्ट करता है—एकजुटता के बिना शक्ति नहीं, और संगठन के बिना एकजुटता संभव नहीं।यह अभियान केवल सदस्यता संख्या बढ़ाने तक सीमित नहीं है। यह चेतना (अपने अधिकारों और कर्तव्यों की समझ), एकता (भेदभाव से ऊपर उठकर संगठन के लिए साथ चलना) और स्वाभिमान (अपनी सामाजिक गरिमा को बनाए रखना) का सामूहिक संकल्प है। महासभा का प्रयास है कि समाज का हर व्यक्ति स्वयं को संगठन का सक्रिय हिस्सा माने और सामाजिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक तथा राष्ट्रीय विषयों पर सकारात्मक भूमिका निभाए।मथुरा जनपद में यह अभियान ब्राह्मण समाज को नई ऊर्जा, नई दिशा और नया संबल देने का कार्य करेगा। संगठित समाज न केवल अपनी समस्याओं का समाधान स्वयं कर सकता है, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी अपनी ऐतिहासिक भूमिका को और अधिक प्रभावशाली ढंग से निभा सकता है।यह सदस्यता अभियान आने वाले समय में ब्राह्मण समाज के लिए मील का पत्थर सिद्ध होगा। जब समाज का प्रत्येक व्यक्ति संगठन से जुड़ेगा, तब एक सशक्त, जागरूक और सम्मानित समाज का निर्माण होगा।एक समाज — एक संगठन — एक लक्ष्ययही इस ऐतिहासिक पहल का मूल मंत्र है।





