(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन। छटीकरा रोड़/रुक्मणी विहार स्थित सेठ मुरलीधर मानसिंगका सेवा सदन में संस्थापक, प्रमुख समाजसेवी एवं उद्योगपति सेठ महावीर प्रसाद मानसिंगका का 97 वां जन्मोत्सव कई प्रख्यात संतों, विद्वानों एवं धर्माचार्यों के सानिध्य में अत्यंत धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।जिसके अंतर्गत प्रबुद्ध नागरिक अभिनंदन और सम्मान समारोह आयोजित हुआ। इसके अलावा सायं काल सिंहपौर हनुमान मंदिर में सामूहिक संगीतमय सुंदरकांड का पाठ किया गया।
इस अवसर पर आयोजित सन्त-विद्वत सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए याज्ञिक रत्न आचार्य विष्णुकांत शास्त्री एवं प्रख्यात भागवताचार्य मृदुलकांत शास्त्री ने कहा कि सेठ महावीर प्रसाद मानसिंगका ब्रज वृन्दावन और ब्रजवासियों के परम् उपासक हैं।इन्हीं की भक्ति और सेवा के लिए वे यहां रहकर उनकी उपासना कर रहे हैं।
पीपाद्वाराचार्य जगद्गुरु बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज एवं श्रीराधा रमण मन्दिर के सेवायत वैष्णवाचार्य श्रीवत्स गोस्वामी ने कहा कि सेठ महावीर प्रसाद मानसिंगका ने अपने 97 वें जन्मदिवस पर ब्रज के समस्त संतों, विद्वानों,धर्माचार्यों, सेवायतों और तीर्थ पुरोहितों को आमंत्रित करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया है।भारतीय वैदिक सनातन संस्कृति के अनुसार सभी सनातनी धर्मावलंबियों को जन्मोत्सव इसी प्रकार मानना चाहिए।
ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं धर्मगुरु अनुराग कृष्ण पाठक ने कहा कि प्रमुख समाजसेवी सेठ महावीर प्रसाद मानसिंगका अत्यंत सेवाभावी और उदारवादी हैं।वे निर्धन, निराश्रितों, दीन-दुखियों एवं असहायों की सेवा पूर्ण निष्ठा, निस्वार्थ भाव और समर्पण के साथ कर रहे हैं।उनके द्वारा समूचे ब्रज में नित्यप्रति हजारों संत, भक्त, ब्रजवासी, वैष्णव एवं निर्धन निराश्रित आदि को निःशुल्क भोजन प्रसाद ग्रहण कराया जाता है।
सन्त-विद्वत में महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. आदित्यानंद महाराज, महामंडलेश्वर कृष्णानंद महाराज, महंत सनत कुमार शरण महाराज, आचार्य विनय त्रिपाठी, आचार्य विजय किशोर गोस्वामी, आचार्य कनिका प्रसाद गोस्वामी, आचार्य रमाकांत गोस्वामी, श्रीराम कथा मर्गज्ञ अशोक व्यास, भागवताचार्य विपिन बापू, आचार्य सुरेशचंद्र शास्त्री, डॉ. रमेश चंद्राचार्य विधिशास्त्री, आचार्य अश्वनी मिश्रा, प्रमुख समाजसेवी दानबिहारी खंडेलवाल, डॉ. लक्ष्मी गौतम, जगदीश गुरुजी, प्रमुख शिक्षाविद् अभय वशिष्ठ, आचार्य युगल किशोर कटारे, श्याम सुन्दर ब्रजवासी, आचार्य बद्रीश महाराज, आचार्य करुणा शंकर त्रिवेदी, पण्डित रामनिवास गुरुजी, आचार्य मंगेश दुबे, डॉ. राधाकांत शर्मा, पण्डित जयगोपाल शास्त्री, पण्डित अमित भारद्वाज, युवराज श्रीधराचार्य, रासाचार्य स्वामी रामशरण शर्मा, स्वामी प्रेमशरण शर्मा, आचार्य दामोदर चन्द्र गोस्वामी, अमित जायसवाल, चैतन्य किशोर कटारे, अभिषेक कृष्ण आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन आचार्य मृदुलकांत शास्त्री ने किया।
इस अवसर पर संतों, विद्वानों, धर्माचार्यों व विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं और संगठनों के द्वारा सेठ महावीर प्रसाद मानसिंगका का सम्मान किया गया।
महोत्सव में पधारे सभी आगंतुक अतिथियों को प्रमुख समाजसेवी देवांश मानसिंगका एवं राधे लाल गुप्ता ने शॉल ओढ़ाकर, माला पहनाकर एवं प्रसादी,नारियल और दक्षिणा आदि भेंट करके स्वागत किया।महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।