वृन्दावन। गांधी मार्ग स्थित गीता आश्रम में संत स्वामी गीतानंद महाराज का 20वां पुण्यतिथि महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ कई प्रख्यात संतों, विद्वानों एवं धर्माचार्यों के पावन सानिध्य में सम्पन्न हुआ।सर्वप्रथम मुमुक्षु मंडल के प्रमुख एवं गीता आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर डॉ. अवशेषानंद महाराज ने वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य स्वामी गीतानंद महाराज के चित्रपट का पूजन-अर्चन किया।
इस अवसर पर आयोजित वृहद श्रद्धांजलि सभा में अपने विचार व्यक्त करते हुए भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री संगठन के. एन. गोविंदाचार्य ने कहा कि राष्ट्र और समाज के लिए ब्रह्मलीन संत गीतानंद महाराज के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। राष्ट्र हमेशा उनके कार्यों और सेवा प्रकल्पों को याद रखेगा।
उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एस. एस. कुलश्रेष्ठ ने कहा कि पूज्य स्वामी गीतानंद महाराज के निरंतर चल रहे सेवा प्रकल्पों से हमेशा उनकी याद रहेगी।आज भी उनके द्वारा स्थापित सेवा प्रकल्प समाज के लिए अनुकरणीय बने हुए हैं।
एन यू जे आई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवम् बृज प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ कमलकांत उपमन्यु, एडवोकेट ने कहा कि पूज्य महाराजश्री ने न केवल धर्म के क्षेत्र में कार्य किए बल्कि राष्ट्र एवं समाज सेवा के क्षेत्र में अतुलनीय कार्य किए, जो आज भी जारी है।
ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं मथुरा-वृंदावन नगर निगम के पार्षद पण्डित राधाकृष्ण पाठक ने कहा कि ब्रह्मलीन संत स्वामी गीतानंद महाराज सहजता, सरलता, उदारता एवं परोपकारिता की प्रतिमूर्ति थे।उन जैसे संतों से ही पृथ्वी पर धर्म और अध्यात्म का अस्तित्व है।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे परम संत गोविंदनंद तीर्थ महाराज ने कहा कि देश में जब भी आपदाएं आईं, तब पूज्य महाराजश्री ने तन-मन-धन के साथ भारत सरकार के साथ सहयोग का भाव बनाया।ऐसे सेवा भावी संत का दर्शन सदैव ही कल्याणकारी होता है।
श्रद्धांजलि सभा में महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद महाराज, स्वामी शरणानन्द महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी चित्प्रकाशानंद महाराज, महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी आदित्यानंद महाराज, गोरेदाऊजी मंदिर के महंत प्रहलाद दास महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद शास्त्री महाराज, भागवताचार्य विमल मिश्र, स्वामी सदानंद महाराज, पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ, महंत सुंदरदास महाराज, भागवताचार्य डॉ. अनुराग कृष्ण पाठक, डॉ.विनोद बनर्जी, महंत जयरामदास महाराज,साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिया, महंत मधुमंगल शरण शुक्ला, डॉ. राधाकांत शर्मा, डॉ. रमेचंद्र विधिशास्त्री, पंडित ईश्वरचंद्र रावत, शिवदास दुबे (हरिद्वार), अमर बोहरा, ब्रजेश गिरी, डॉ. अनूप शर्मा एवं संजय शर्मा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त कर पूज्य महाराजश्री को अपनी भावांजलि अर्पित की।संचालन मथुरा वृंदावन नगर निगम के पार्षद पण्डित राधाकृष्ण पाठक ने किया।
इस अवसर पर वीरेंद्र गोयल, दर्शन लाल बवेजा, देवेंद्र वधवा, जोगेंद्र बवेजा, विनोद शर्मा, शिवदास दुबे, सोमनाथ छाबड़ा आकाश गोयल, विजय गोयल कुलदीप श्रीवास्तव आदि के अलावा देश-विदेश से आए महाराजश्री के असंख्य भक्त-श्रद्धालु उपस्थित रहे।महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।जिसमें महाराजश्री के शिष्य परिकर के द्वारा ब्रज क्षेत्र के निर्धन-निराश्रितों को वस्त्र, कम्बल एवं दक्षिणा आदि का वितरण किया गया।इससे पूर्व संतों-महंतों एवं महामण्डलेश्वरों का सम्मान किया गया।