मजाक बनी जांच,हाई कोर्ट और जिलाधिकारी क्या पड रहे हैं अधिकारियों के सामने छोटे

रायबरेली ब्यूरो पंकज तिवारीमहराजगंज-रायबरेली ।मजाक बनी जांच महराजगंज विकासखंड क्षेत्र के ज्योना ग्राम पंचायत के प्रधान के जिला अधिकारी द्वारा वित्तीय एवं प्रशासनिक पावर सीज कर दिए गए थे तब ग्राम प्रधान उमेश कुमार द्वारा अदालत का दरवाजा खटखटाया गया जिस पर हाईकोर्ट ने ग्राम प्रधान को बहाल कर दिया था। जिसमें जिला अधिकारी से आख्या मांगी गई थी ।जिला अधिकारी ने पुन जांच के लिए अधिशासी अभियंता नलकूप शहनाज सिद्दीकी एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कुलदीप द्विवेदी को जांच के लिए आदेशित किया गया था लेकिन ग्राम पंचायत ज्योना में जिन बिंदुओं पर जांच होनी थी तथा जिन अधिकारियों को आना था वह अधिकारी नहीं पहुंचे और वहां पहुंच गए उनके मातहत और जब उनसे जानकारी लेने की कोशिश की गई कि आपने क्या देखा है और कैसी जांच की है तब ना वह अपने नाम बता रहे थे और ना ही किसी प्रकार की बात कर रहे थे‌। वही हवलदार के पुरवा में संजय वीरेंद्र रंग बहादुर सिंह छेदीलाल के द्वारा शिकायत की गई थी कि खड़ंजा कागज पर तो लगा दिया गया लेकिन मौके पर नहीं लगा। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय अलीमगंज की शिकायत भी की गई थी जिसकी भी जांच आए हुए अधिकारियों के मातहत द्वारा की गई सबसे बड़ा सवाल या उठता है कि इतने बड़े मामले में जिसमें हाई कोर्ट ने मामले का संज्ञान ले रखा है उस मामले में भी अधिकारी इस तरह की लापरवाही करते सामने आ रहे हैं कि खुद जांच ना करके अपने मातहत से करवा रहे हैं ।कहीं ना कहीं ग्राम प्रधान की पकड़ और पहुंच इस मामले में बाधक बन रही है।

महराजगंज-रायबरेली ।मजाक बनी जांच महराजगंज विकासखंड क्षेत्र के ज्योना ग्राम पंचायत के प्रधान के जिला अधिकारी द्वारा वित्तीय एवं प्रशासनिक पावर सीज कर दिए गए थे तब ग्राम प्रधान उमेश कुमार द्वारा अदालत का दरवाजा खटखटाया गया जिस पर हाईकोर्ट ने ग्राम प्रधान को बहाल कर दिया था। जिसमें जिला अधिकारी से आख्या मांगी गई थी ।जिला अधिकारी ने पुन जांच के लिए अधिशासी अभियंता नलकूप शहनाज सिद्दीकी एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कुलदीप द्विवेदी को जांच के लिए आदेशित किया गया था लेकिन ग्राम पंचायत ज्योना में जिन बिंदुओं पर जांच होनी थी तथा जिन अधिकारियों को आना था वह अधिकारी नहीं पहुंचे और वहां पहुंच गए उनके मातहत और जब उनसे जानकारी लेने की कोशिश की गई कि आपने क्या देखा है और कैसी जांच की है तब ना वह अपने नाम बता रहे थे और ना ही किसी प्रकार की बात कर रहे थे‌। वही हवलदार के पुरवा में संजय वीरेंद्र रंग बहादुर सिंह छेदीलाल के द्वारा शिकायत की गई थी कि खड़ंजा कागज पर तो लगा दिया गया लेकिन मौके पर नहीं लगा। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय अलीमगंज की शिकायत भी की गई थी जिसकी भी जांच आए हुए अधिकारियों के मातहत द्वारा की गई सबसे बड़ा सवाल या उठता है कि इतने बड़े मामले में जिसमें हाई कोर्ट ने मामले का संज्ञान ले रखा है उस मामले में भी अधिकारी इस तरह की लापरवाही करते सामने आ रहे हैं कि खुद जांच ना करके अपने मातहत से करवा रहे हैं ।कहीं ना कहीं ग्राम प्रधान की पकड़ और पहुंच इस मामले में बाधक बन रही है।

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