मथुरा, जो भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के रूप में विख्यात है, हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यह धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी अपने ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व के लिए जानी जाती है। लेकिन, यहां की ट्रैफिक व्यवस्था एक बड़ी चुनौती बन चुकी है।
श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को घंटों तक जाम में फंसे रहना पड़ता है। यह समस्या त्योहारों, बड़े मेलों, और छुट्टियों के समय और भी विकराल रूप ले लेती है। ट्रैफिक जाम का कारण मुख्यतः अनियोजित सड़कों, अव्यवस्थित पार्किंग, और ओवरलोडेड ट्रैफिक का प्रबंधन न कर पाना है।
मथुरा के प्रमुख स्थलों की ओर जाने वाली सड़कों पर ट्रैफिक प्रबंधन की कमी है। वाहनों को सड़कों के किनारे अनियमित रूप से खड़ा करना जाम को बढ़ावा देता है।
धार्मिक स्थलों की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होती है, लेकिन उनकी सुविधा के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।
मथुरा में ट्रैफिक नियंत्रण के लिए पर्याप्त पुलिस बल और आधुनिक तकनीकों का अभाव है। इसको सुधारने के लिए
स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम: ट्रैफिक लाइट्स और सीसीटीवी कैमरों का सही उपयोग।
शहर के बाहरी क्षेत्रों में पार्किंग स्थल बनाकर वाहनों को नियंत्रित किया जा सकता है। श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
जन जागरूकता अभियान: लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए शिक्षित करना आवश्यक है।
मथुरा को धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ एक व्यवस्थित शहर बनाने के लिए ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार बेहद जरूरी है। यह न केवल श्रद्धालुओं बल्कि स्थानीय निवासियों के जीवन को भी बेहतर बनाएगा।
–मनोज कुमार शर्मा