
वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना एवं महर्षि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने किया उद्घाटन।
वृंदावन, 31 अगस्त – राधा अष्टमी के पावन अवसर पर श्री चित्रगुप्त पीठ, जुल्हेंदी (वृंदावन) में रविवार को नक्षत्र वाटिका की स्थापना तथा महर्षि महेश योगी भावतीत ध्यान एवं योग केंद्र का भव्य शुभारंभ किया गया। उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना एवं महर्षि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अजय प्रकाश श्रीवास्तव के करकमलों द्वारा संपन्न हुआ।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री धीरज श्रीवास्तव (पूर्व विशेष सदस्य, प्रधानमंत्री कार्यालय), श्री मति गरिमा खरे (जिला विकास अधिकारी मथुरा)
अपने संबोधन में माननीय मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना और कुलाधिपति अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि
“श्री चित्रगुप्त पीठ केवल एक मंदिर ही नहीं, बल्कि आस्था का ऐसा दिव्य केंद्र है, जो पर्यावरण संरक्षण, जल संचय और नागरिकों के स्वास्थ्य संवर्धन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। पीठ परिसर में वृक्षारोपण, नक्षत्र वाटिका की स्थापना, जल परिक्रमा तथा महर्षि महेश योगी जी के भावतीत ध्यान एवं योग केंद्र की स्थापना—ये सभी कार्य विश्व के लिए प्रेरणास्रोत और ईशानी उपक्रम हैं।” माननीय मंत्री जी ने बताया कि अगर ग्रामीण लोग अपनी मेड पर एक पेड़ लगाकर 5 साल तक देखरेख करते हैं तो 5 साल बाद प्रति पेड़ ₹500 उत्तर प्रदेश सरकार देगी व तालाबो के किनारे वृक्षारोपण करने से वृक्ष अपने आप फलिफूत हो जाता है इसको पानी लगाने की आवश्यकता नहीं होती पेड़ स्वयं पानी ले लेता है।
जुल्हेंदी ग्राम की सरदारी ने सभी अतिथियों का साफ़ा बांध कर जुल्हेंदी ग्राम की ओर से स्वागत किया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से श्री चित्रगुप्त पीठ के महामंडलेश्व स्वामी सुरेशानंद जी, पंडित गोरी शंकर शर्मा,विपिन गोयल, एम,एम शर्मा, नवीन अग्रवाल, दीपक गोयल,आकाश सिंगल, रवि अग्रवाल, डॉ साधन सक्सेना, शिल्पा स्वरूप, अलका सक्सेना, अजय सक्सेना, राकेश सक्सेना, मनोज चौधरी, ठाकुर बिहारी लाल, अजय जौहरी, मयंक सक्सेना, सुधीर सक्सेना, राजेश सक्सेना, अरुण शर्मा, आलोक कुलश्रेष्ठ,धीरेन्द्र कुलश्रेष्ठ, नरेंद्र कुलश्रेष्ठ,बृजेश सक्सेना आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री चित्रगुप्त पीठ के सह प्रमुख मनोज कुमार सक्सेना ने किया। उक्त जानकारी सूचना विभाग मथुरा द्वारा दी गई है।
