रायबरेली ब्यूरो धीरेंद्र शुक्ला की रिपोर्ट
ऊंचाहार के रायबरेली में आशा बहुओं ने मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में कार्य बहिष्कार हड़ताल की। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उन्होंने सीएचसी से ब्लॉक मुख्यालय तक एक रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।
उत्तर प्रदेश आशा वर्कर की जिला अध्यक्ष गीता मिश्रा ने बताया कि आशा बहुओं की नियुक्ति वर्ष 2006 में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करने के उद्देश्य से की गई थी। हालांकि, उनका यह मुख्य कार्य अब गौण हो गया है। सरकार उनसे ब्लॉक, थाने और ग्राम पंचायत जैसे विभिन्न स्थानों पर सौ से अधिक कार्य करवाती है, लेकिन उन्हें नियमित वेतन नहीं मिलता।
मिश्रा ने आगे बताया कि आशा बहुओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि का भुगतान अनियमित रूप से किया जाता है। यह भुगतान कभी दो महीने, कभी चार महीने तो कभी छह महीने के अंतराल पर होता है। इसमें पारदर्शिता की भी कमी है, जिससे यह स्पष्ट नहीं होता कि किस मद का कितना पैसा दिया गया है। आशा बहुओं की मुख्य मांगों में उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाना शामिल है। उन्होंने कहा कि 20 वर्ष का कार्यकाल कम नहीं होता और उन्होंने अपने बच्चों को छोड़कर स्वास्थ्य विभाग को सेवा दी है। इसके अतिरिक्त, वे कम से कम ₹21,000 की एकमुश्त सम्मानजनक राशि वेतन के रूप में दिए जाने की मांग कर रही हैं।
अन्य मांगों में बीमा और मातृत्व अवकाश प्रदान करना शामिल है। आशा बहुओं ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में बैठने की उचित व्यवस्था की भी मांग की। उन्होंने बताया कि रात में डिलीवरी के लिए आने वाली आशा बहुओं के लिए न तो बैठने की जगह है और न ही लेटने की, जिसके कारण उन्हें अक्सर जमीन पर ही रहना पड़ता है।
उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन ने घोषणा की है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे 15 दिसंबर 2025 से रायबरेली के ऊंचाहार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगी। उनकी मांगों में राज्य कर्मी का दर्जा, न्यूनतम वेतन, ग्रेच्युटी, जीवन और स्वास्थ्य बीमा की गारंटी शामिल है। इस दौरान दर्जनों आशा कार्यकर्ता मौजूद रहीं





