अध्यापक/अध्यापिकाओं के साथ साथ अभिभावकों को भी बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत।
बच्चे किसी भी राष्ट्र की नींव और भविष्य होते हैं। उनकी शिक्षा और व्यक्तित्व निर्माण में स्कूल अध्यापकों और अभिभावकों की भूमिका समान रूप से महत्वपूर्ण होती है। अध्यापक ज्ञान और नैतिक मूल्यों का बीज बोते हैं, जबकि अभिभावक उस बीज को सही पोषण देकर जीवन में सार्थकता प्रदान करते हैं।
अध्यापक बच्चों को केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उनके व्यक्तित्व, अनुशासन, और नेतृत्व क्षमता का विकास करते हैं। वे बच्चों को न केवल ज्ञान देते हैं, बल्कि उन्हें सही-गलत का भेद समझाते हुए एक जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा भी देते हैं।
घर पर अभिभावक बच्चों के सबसे करीब होते हैं। वे बच्चों के व्यवहार, आदतों और सोच को आकार देते हैं। बच्चों के साथ समय बिताना, उनके सवालों का उत्तर देना, और उनकी भावनात्मक आवश्यकताओं को समझना अभिभावकों का कर्तव्य है।
सामूहिक रूप से प्रयास कर यदि अध्यापक और अभिभावक मिलकर बच्चों के विकास के लिए प्रयास करें, तो न केवल बच्चों का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित होगा, बल्कि एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण भी होगा। इसलिए, यह आवश्यक है कि सभी मिलकर बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन दें और उनकी प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करें।
बच्चे तभी देश का भविष्य बन सकते हैं, जब आज उन्हें सही मार्गदर्शन, शिक्षा, और समर्थन मिले।
सुनामिका शर्मा (M.A. B.Ed.)
पार्वती राधाकिशन फोमरा स्कूल(बिरला स्कूल)मथुरा