केएम विश्वविद्यालय में हुआ शैक्षिक उत्कृष्टता और कैरियर ओरिएंटेशन प्रोग्राम

एसएम कालेज ऑफ वेटरिनरी साइंस एंड एनीमल रिसर्च छात्र-छात्राओं ने पाये सफलता के मंत्र

इंसान की पॉजिटिव सोच ही सफलता की कुंजी : कुलाधिपति

अपने बनाये नियमों का पालन करने वाला ही छात्र सफलता की ऊंचाईयां पाता है : मुकेश कुमार

मथुरा। केएम यूनीवर्सिटी के एसएम कालेज ऑफ वेटरिनरी साइंस एंड एनीमल रिसर्च में नवागत छात्र-छात्राओं के लिए आज शैक्षिक उत्कृष्टता और कैरियर ओरिएंटेशन प्रोग्राम आयोजित हुआ। जिसमें केएम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति किशन चौधरी ने प्रवेश पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा सफलता के लिए लक्ष्य बनाना बेहद जरूरी है, नियम का पालन करने वालो की सफलता को भगवान भी नहीं रोक सकता, इंसान की पॉजिटिव सोच ही सफलता की कुंजी है, जीवन जीने के लिए सांस जरूरी है उतना ही सफलता के लिए आत्मविश्वास आवश्यक है।
शैक्षिक उत्कृष्टता और कैरियर ओरिएंटेशन प्रोग्राम का शुभारंभ मुख्य अतिथि कुमार एडुटेनमेंट के संस्थापक मुकेश कुमार, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं विवि के कुलाधिपति किशन चौधरी, कुलसचिव डा. पूरन सिंह ने मां सरस्वती के समक्ष माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर किया। कुलाधिपति किशन चौधरी ने मुख्य अतिथि मुकेश कुमार का श्रीकृष्ण की प्रतिमा एवं पटुका पहनाकर स्वागत किया। मुख्य अतिथि मुकेश कुमार ने नवागत छात्र-छात्राओं को संबोधित किया और उनके जिज्ञासा पूर्ण प्रश्नों का सरलता से उत्तर दिया। उन्होंने कहा आपको सर्वप्रथम यह तय करना चाहिए है कि आप भविष्य में क्या बनना चाहते हैं, और आपकी उस विषय में उतनी ही रुचि होनी चाहिए। रुचि(ईमानदारी) के बिना सफलता हाथ नहीं लगती। सफलता प्राप्त करने के लिए उन्होंने मेहनत को मूलमंत्र बताते हुए कहा कि परिश्रमी व्यक्ति कुछ भी प्राप्त करने में समर्थ होता है। तीन घंटे अगर आप ईनामदारी से अपने कैरियर को दें तो आपको सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता है। आप अपनी दिनचर्या का एक नियम बनाओ और उसे फोलो करें, तो आप अवश्य सफल हो जाओगे। लेकिन असफल वहीं होते है जो अपने बनाये नियमों को फोलो नहीं कर उसे तोड़ते है। आपको नियम (दिनचर्या) का चार्ट बनाना नहीं बल्कि उसे फोलो करना है। एक समय में एक ही काम करने वाले सफलता पाते हैं, पढ़ाई तो पढ़ाई, खेल तो खेल। मां-बाप ही आपके सच्चे दोस्त होते है, बाकी समया-अवधि अनुसार दोस्त बनते है और लाइफ से चले जाते है। कैरियर का मैदान कोई भी हो, एक्सपर्ट व्यक्ति ही कामयाब होता है। कैरियर चुनने के बाद हटना नहीं चाहिए। हटने से आपको असफलता ही प्राप्त होगी। मां-बाप के बाद जो सबसे बडा दोस्त है वह पैसा(मनी) है। एक काम के साथ दूसरे काम में लगने वाला व्यक्ति ही बेरोजगार कहलाता है, कोई भी काम रूचि ईमानदारी के साथ एक साल कर लें तो आप सफलता की सीढ़ी चढ़ना शुरू कर देंगे। इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं को सफलता के पाचं लक्षणों के बारे में बताया उन्होंने कहा कौआ जैसा प्रयास, बगुला जैसा ध्यान, कुत्ते जैसी नींद, कम भोजन करें जिंदा रह सके, घर का त्याग सुविधाओं का त्याग करने वाले छात्र सफलता पा जाते है। विवि के कुलसचिव डा. पूरन सिंह ने नवागत छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय की फैकल्टी, सुविधाओं से अवगत कराया। इस अवसर पर कुलाधिपति किशन चौधरी के सुपुत्र पार्थ चौधरी सहित विवि के सभी फैकल्टी के एचओडी, सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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