संस्कृति विवि में राष्ट्रीय नर्सिंग कॉन्फ्रेंस में साक्ष्य आधार

मथुरा। संस्कृति स्कूल ऑफ नर्सिंग एवं नर्सिंग टीचर्स एसोसिएशन इंडिया के तत्वाधान राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में “रोल ऑफ एविडेंस बेस्ड प्रैक्टिसेज एंड यूज़ ऑफ़ हैल्थ टेक्नोलॉजी इन इम्प्रोविंग पेशेंट्स आउटकम्स” विषय पर विस्तार से चर्चा हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि, सभापति एसटी/एसटी कल्याण संबधी समिति, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, विशिष्ठ अतिथि श्रीमती प्रतिभा शुक्ला जी, राज्यमंत्री महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग उत्तरप्रदेश सरकार, विशिष्ट अतिथि मथुरा-वृन्दावन विधायक श्रीकांत शर्मा, विशेष अतिथि डॉ आई क्लेमेंट, श्रीमान सुरेश गौतम ने रोगियों रोगियों के परिणाम में सुधार लाने के लिए साक्षय आधारित प्रथाओं और स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी के उपयोग की भूमिका पर अपने उपयोगी संबोधन दिए। इस राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के मंच पर और मंच पर संस्कृति विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. एम. बी. चेट्टी, एनटीएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. फारुख खान, राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मनीष कुमार, कोषाध्यक्ष डॉ. पूनम ठाकुर, ऑर्गनिसिंग सेक्रेटरी व प्रदेश अध्यक्ष एनटीएआई प्रो. धीरज पाराशर, डिप्टी ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी मुकुल पाठक, यूनिवर्सिटी डीन डॉ यू. पूंगोड़ी, प्राचार्य के. के. पाराशर भी उपस्थित रहे।
स्पीकर डॉ. स्मृति अरोरा, डॉ. सुषमा कुमारी सैनी, डॉ अनु गौबा ने भी अपने उपयोगी विचार साझा किए। मॉडरेटर प्रो. डॉ प्रिस्चिल्ला सेमसन, श्रीमती आशा यादव, डॉ. अशोक काशीराम शर्मा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। इस दौरान कॉन्फ्रेंस में वर्ष 2025 में चयनित 22 राष्ट्रीय नर्सिंग शिक्षकों को, टीचर्स रत्न पुरस्कार एवं दो शिक्षकों को राष्ट्रीय सर्वोत्तम नर्सिंग शिक्षक पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। कांफ्रेस में दूर दराज से आए कुल 310 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन प्रमाणपत्र वितरण के साथ हुआ।

Related Posts

मन टूटता हैं तो इसका इलाज भी उतना ही जरूरी है, जितना शारीरिक बीमारी का : किशन चौधरी

केएम विवि में हुआ विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर विविध कार्यक्रम मेंटल हेल्थ सही नहीं होगी तो पर्सनल, प्रोफेशनल लाइफ होंगी प्रभावित : कुलपति मानसिक स्वास्थ्य को भी इमरजेंसी रेस्पॉन्स…

जीएल बजाज में हुई राष्ट्रीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र निर्माण पर चर्चा

विचारों को परियोजनाओं में बदलने के लिए सुव्यवस्थित प्रक्रिया जरूरीमथुरा। भारत के नवाचार परिदृश्य ने सक्रिय सरकारी पहलों, एक जीवंत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और बढ़ते अकादमिक-उद्योग सहयोग के चलते उल्लेखनीय…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *