
रायबरेली ब्यूरो धीरेंद्र शुक्ला की रिपोर्ट
रायबरेली। क्रिसमस पर्व के उल्लास के बीच आम जनमानस की सेहत से कोई खिलवाड़ न हो, इसके लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कमर कस ली है। विशेष प्रवर्तन अभियान के अंतिम दिन बुधवार को ‘फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स’ मोबाइल वैन के माध्यम से सवैय्या तिराहा, ऊंचाहार, नसीराबाद और सलोन क्षेत्रों में सघन जागरूकता एवं निरीक्षण अभियान चलाया गया।
केकों में कृत्रिम रंगों से रहें सावधान
अभियान के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी (FSO) कंचनलता तिवारी और शेफाली रस्तोगी ने बेकरी प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने विशेष रूप से केक में इस्तेमाल होने वाले अत्यधिक कृत्रिम रंगों, सिंथेटिक फ्लेवर और सजावटी आर्टिफिशियल प्रॉप्स के खतरों के प्रति व्यापारियों को आगाह किया।
एफएसओ शेफाली रस्तोगी ने बताया कि, “आकर्षक दिखने वाले इन केकों में मिलावटी रंगों के प्रयोग से बच्चों में एलर्जी, पेट दर्द और फूड पॉइजनिंग जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।” उन्होंने दुकानदारों को मानक के अनुरूप ही खाद्य सामग्री तैयार करने के कड़े निर्देश दिए।
बस यात्रियों और ग्राहकों को किया जागरूक
विभाग की टीम ने न केवल दुकानों, बल्कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों में सफर कर रहे यात्रियों से भी संवाद किया। यात्रियों को खुले और बिना लेबल वाले अमानक खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी गई।
वहीं, ऊंचाहार के प्रसिद्ध बाटोही स्वीट्स और नंदलाल स्वीट्स पर मौजूद ग्राहकों को ‘फूड सेफ्टी कनेक्ट ऐप’ के बारे में विस्तार से बताया गया। अधिकारियों ने कहा कि यदि किसी भी उपभोक्ता को मिलावट का संदेह हो, तो वे इस ऐप के जरिए सीधे विभाग को शिकायत भेज सकते हैं।
स्वास्थ्य सर्वोपरि
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य त्योहारों के सीजन में मिलावटखोरी पर लगाम लगाना और नागरिकों को ‘ईट राइट’ (Eat Right) के प्रति प्रेरित करना रहा। विभाग की इस सक्रियता से स्थानीय मिलावटखोरों में हड़कंप की स्थिति रही, वहीं जनता ने विभाग की इस पहल की सराहना की है।





