विशेष साक्षात्कार
द्वारा जिला ब्यूरो चीफ अनिल अवस्थी
प्रश्न 1: ललित जी, सबसे पहले अपने शुरुआती जीवन के बारे में बताइए।
उत्तर: मेरा जन्म शाहजहांपुर जनपद के मीरानपुर कटरा में हुआ। मेरे पिता श्री रामेश्वर दयाल गुप्ता जी एक सरल, धार्मिक एवं संस्कारी व्यक्ति हैं। मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मोहल्ला बगशान स्थित प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की। कक्षा 6 से 8 तक पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई की और फिर कक्षा 9 से इंटर तक की शिक्षा काकोरी शहीद इंटर कॉलेज, मीरानपुर कटरा से पूरी की। मेरी पूरी शिक्षा मीरानपुर कटरा में ही हुई है।
प्रश्न 2: शिक्षा पूरी करने के बाद आपने संगठनात्मक जीवन की शुरुआत कैसे की?
उत्तर: पढ़ाई के बाद से ही मेरा झुकाव सामाजिक कार्यों और हिंदू धर्म की सेवा की ओर रहा। मैंने विभिन्न हिंदू संगठनों में एक कार्यकर्ता के रूप में कार्य किया। लेकिन धीरे-धीरे मैंने देखा कि लगभग हर संगठन में जातिवाद का प्रभाव गहराई तक फैला हुआ है। इससे मुझे बहुत पीड़ा हुई, क्योंकि मेरा मानना है कि जब तक हिंदू समाज जातियों में बँटा रहेगा, तब तक एकता असंभव है।
प्रश्न 3: इसी सोच से आपने राष्ट्रीय हिंदू युवा संगठन की स्थापना की?
उत्तर: हाँ, बिल्कुल। 18 मई 2020 को मैंने राष्ट्रीय हिंदू युवा संगठन की स्थापना की। इस संगठन का उद्देश्य केवल एक था — जातिवाद को समाप्त कर, हिंदू समाज को एक सूत्र में बाँधना। मैंने यह प्रण लिया कि इस संगठन में किसी की जाति नहीं, केवल उसका कर्म और समर्पण ही उसकी पहचान होगा।
प्रश्न 4: संगठन के सफर में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
उत्तर: शुरुआत में कई कठिनाइयाँ आईं। कई बार संगठन लगभग समाप्ति की स्थिति में पहुँच गया, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। मैंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर संगठन को दोबारा खड़ा किया। आज भी हम लगातार हिंदू एकता के लिए कार्य कर रहे हैं। हमने कई भगवा यात्राएँ और हिंदू एकता पदयात्राएँ निकाली हैं, जिनका उद्देश्य समाज में एकता और जागरूकता फैलाना है।
प्रश्न 5: आपके कार्यों को देखते हुए आपको कई पुरस्कार भी मिले हैं, उनके बारे में बताइए।
उत्तर: जी हाँ, मुझे मेरे कार्यों के लिए कई सम्मानों से नवाजा गया है, जिनमें प्रमुख हैं –
राष्ट्र सेवा सम्मान अवार्ड
प्राइड ऑफ इंडिया अवार्ड
भारतीय रत्न सम्मान
भारतीय सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिइन पुरस्कारों को मैं व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं मानता, बल्कि यह हमारे संगठन के समर्पित कार्यकर्ताओं की मेहनत और समाज की आस्था का परिणाम है।
प्रश्न 6: आगे संगठन के क्या लक्ष्य हैं?
उत्तर: हमारा लक्ष्य स्पष्ट है — “एक धर्म, एक झंडा, एक विचार”। हम चाहते हैं कि देश का प्रत्येक हिंदू एक-दूसरे का सम्मान करे, सहयोग करे और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखे। हम युवा पीढ़ी को राष्ट्रप्रेम और संस्कृति से जोड़ने के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं।
प्रश्न 7: अंत में, युवा पीढ़ी के लिए आपका क्या संदेश है?
उत्तर: मैं युवाओं से कहना चाहता हूँ कि वे जातिवाद, भेदभाव और स्वार्थ से ऊपर उठें। देश की संस्कृति और धर्म की रक्षा ही सच्ची देशभक्ति है। अपने माता-पिता, समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव रखें — यही सच्चा “हिंदुत्व” है।
संक्षेप में:
ललित गुप्ता जी ने जिस संकल्प के साथ राष्ट्रीय हिंदू युवा संगठन की नींव रखी, वह आज हिंदू एकता की नई पहचान बन चुका है। निरंतर संघर्षों के बावजूद उनका हौसला कभी नहीं डगमगाया। वे वास्तव में राष्ट्र सेवा और हिंदू एकता के प्रतीक हैं।





