
मथुरा। रंगकर्म के क्षेत्र में प्रतिष्ठित 1991 के ‘संगीत नाटक अकादमी’ सम्मान प्राप्त नौटंकी कलाकार श्रीमती कमलेश लता आर्य को ‘हिन्दी रंगमंच दिवस’ पर आगरा में नागरी प्रचारिणी सभा के पुस्तकालय कक्ष में आयोजित एक समारोह मे ‘खलीफा फूल सिंह यादव सम्मान’
से सम्मानित किया गया। उनकी अनुपस्थिति में यह सम्मान उनके ज्येष्ठ पुत्र विजय कुमार आर्य ने ग्रहण किया। इस मौके पर कार्यक्रम का संचालन कर रहीं नसरीन बेगम ने उनके जीवन एवं कृतित्व से संबंधित अनेक जानकारी उपस्थित सुधिजन को दीं। उन्होंने बतायाकि एक किसान परिवार में जन्मीं कमलेश लता आर्य को अपने कस्बे में दशहरे के अवसर पर आयोजित होने वाले नाटकों और नौटंकियों के कार्यक्रमों से रंगकर्म के प्रति लगाव पैदा हुआ और फिर किस प्रकार धीरे—धीरे अभयास करते हुए खुद भी एक बड़ी कलाकार बन गईं। यह कार्यक्रम आगरा की सांस्कृतिक संस्था ‘रंगलीला’, ‘शीरोज हैंगआउट’ और ‘ब्रज की पहली महिला पत्रकार प्रेमकुमारी शर्मा स्मृति संगठन’ द्वारा हिंदी रंगमंच दिवस पर संयुक्त रूप से आयोजित आयोजित किया गया था। जिसमें हिंदी के वरिष्ठ समीक्षक और केंद्रीय हिंदी संस्थान के पूर्व निदेशक प्रोफेसर रामवीर सिंह, वरिष्ठ लेखक एवं कथाकार अरुण डंग, वरिष्ठ रंगकर्मी प्रोफेसर ज्योत्स्ना रघुवंशी व डॉ. विजय शर्मा आदि ने ‘जनमानस का दर्पण है हिन्दी रंगमंच’ विषयक संगोष्ठी में अपने विचार प्रकट किए। अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार एवं दिल्ली के आईपी कॉलेज के मास कम्युनिकेशन विभाग की पूर्व डीन डॉ. विनीता गुप्ता ने की।इस अवसर पर आगरा शहर के अनेक गणमान्य नागरिक, रंगकर्मी, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
चित्र परिचय — हिंदी रंगमंच दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्रख्यात नौटंकी कलाकार कमलेश को प्रदत्त ‘खलीफा फूल सिंह यादव सम्मान’ ग्रहण करते उनके पुत्र विजय कुमार आर्य।