जिला ब्यूरो चीफ अनिल अवस्थी
(औरैया), 31 अक्टूबर
स्वतंत्र भारत के शिल्पकार और लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर शुक्रवार को ग्राम पंचायत अयाना, शिखरना और भरतोल में राष्ट्रीय एकता दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यह कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्र में राष्ट्रभक्ति और एकता के प्रतीक के रूप में लोगों के बीच उत्साह और प्रेरणा का केंद्र बना।
कार्यक्रम का शुभारंभ ग्राम पंचायत अधिकारी रोशन शाहू ने सरदार पटेल के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने सरदार पटेल के जीवन से प्रेरित नाट्य-अभिनय, कविता-पाठ और भाषण प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें उनके देशप्रेम, समर्पण और संघर्षशीलता का प्रभावी चित्रण किया गया। ग्राम प्रधानों ने भी लौह पुरुष के विचारों और योगदान पर प्रकाश डालते हुए उनके आदर्शों को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।
ग्राम अयाना के प्रधान छोटे लाल गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि सरदार पटेल ने 562 रियासतों को भारत संघ में मिलाकर देश की एकता को सशक्त किया। उनके इसी महान कार्य के कारण उन्हें “लौह पुरुष” की उपाधि मिली। उन्होंने कहा कि बारडोली सत्याग्रह के सफल नेतृत्व के बाद सरदार पटेल को “सरदार” कहा जाने लगा। वे केवल स्वतंत्रता सेनानी नहीं, बल्कि भारत की अखंडता और शक्ति के प्रतीक थे।
कार्यक्रम के उपरांत विद्यालयों के छात्रों द्वारा एकता रैली निकाली गई, जिसमें हाथों में तिरंगा लिए बच्चों ने “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” और “देश की एकता, हमारी जिम्मेदारी” के नारे लगाए। रैली का स्वागत भरतोल ग्राम प्रधान मरतन सिंह ने किया और छात्रों को सरदार पटेल के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी।
वहीं, शिखरना ग्राम प्रधान संतराम शर्मा ने लौह पुरुष के गरिमामयी व्यक्तित्व और जीवनशैली पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल जैसे नेताओं के कारण ही आज भारत एक सशक्त राष्ट्र के रूप में खड़ा है।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस अवसर पर पंचायत सहायक गौरव सविता, बंदना देवी,सचिन, रोजगार सेवक राजकुमार गुप्ता सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण, अध्यापक व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं। सभी ने एकता, समरसता और राष्ट्रभक्ति की भावना को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।






