
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ मैनेजमेंट एंड कामर्स ने साइबर डोजो के सहयोग से साइबर सुरक्षा को लेकर “साइबरएक्सप्लोर 2025 – जागरूकता से कार्रवाई” विषयक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने विद्यार्थियों को साइबर सुरक्षा को लेकर ज्ञानवर्धक जानकारियां दीं और आवश्यक डिजिटल माध्यमों के प्रयोग के बारे में बताकर जागरूक किया।
मुख्य वक्ता, साइबरडोजो के सह-संस्थापक और क्षेत्रीय निदेशक हर्ष ए. रावल ने बताया कि साइबर सुरक्षा, कंप्यूटर, सर्वर, मोबाइल उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों, नेटवर्क और डेटा को दुर्भावनापूर्ण हमलों से बचाने की प्रक्रिया है। इसे सूचना प्रौद्योगिकी सुरक्षा या इलेक्ट्रॉनिक सूचना सुरक्षा भी कहा जाता है। विभिन्न उद्योगों में बढ़ती संख्या में व्यवसायों के लिए डेटा उल्लंघन एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, और उच्च कुशल साइबर सुरक्षा पेशेवरों की माँग बढ़ रही है। वास्तव में, जैसे-जैसे कई व्यवसाय ऑनलाइन हो रहे हैं और तकनीकी रूप से अधिक उन्नत होते जा रहे हैं, सूचना सुरक्षा का मुद्दा प्राथमिकता में बढ़ता ही जा रहा है और सही साइबर सुरक्षा योग्यता और कौशल वाले व्यक्ति फलने-फूलने के लिए तैयार हैं। वक्ता जय ए रावल ने बताया कि आईटी, कंप्यूटर विज्ञान या साइबर अपराध में रुचि रखने वाले व्यक्तियों के लिए, साइबर सुरक्षा एक बेहद फलदायी करियर विकल्प हो सकता है। हालाँकि, चूँकि साइबर सुरक्षा एक अत्यंत व्यापक क्षेत्र है और सूचना सुरक्षा विशेषज्ञों की ज़िम्मेदारियाँ विविध हो सकती हैं, और उन्हें कई उद्योगों में काम करना पड़ता है, इसलिए सूचना सुरक्षा विशेषज्ञों को व्यापक कौशल और योग्यताओं की आवश्यकता होगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एसओएमसी के डीन डॉ. राधा कृष्ण शर्मा ने की। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. रोहित
कुमार सिंघल और डॉ. शांतम बब्बर थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में अनुष्का वार्ष्णेय और रूपाक्षी खंडेलवाल ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम का समापन डा. शांतम बब्बर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। कार्यक्रम में बी.काम., बीबीए, एमबीए के विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।