
प्रधानमंत्री, भारत सरकार को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौपा गया
सेवारत रहने एवं पदोन्नति हेतु टेट अनिवार्यता खत्म न होने पर लखनऊ से दिल्ली तक संघर्ष के लिए तैयार है शिक्षक- संजीव शर्मा
आशुतोष cni18 news
बदायूँ। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 25 अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को भी सेवारत रहने एवं पदोन्नति हेतु अध्यापक पात्रता परीक्षा टीईटी उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता के फैसले के विरोध में प्रदेश के शिक्षकों में भारी रोष व्याप्त है। टेट की अनिवार्यता ने शिक्षकों में भय का माहौल उत्पन्न कर दिया है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि यदि इस आदेश को वापस नहीं लिया गया तो दिल्ली में जोरदार आंदोलन किया जाएगा। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय नेतृत्व के निर्देश के क्रम में जिलाध्यक्ष एवं प्रांतीय प्रचार मंत्री संजीव शर्मा के नेतृत्व में जनपद के शिक्षक दोपहर 1:00 से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय बदायूं पर एकत्र होना शुरू हो गए। वहां पर शिक्षकों ने काले रंग के कपड़े एवं काले रंग की पट्टी बांधकर सुप्रीम कोर्ट के टेट अनिवार्यता के फैसले का शांति पूर्वक विरोध किया। इसके पश्चात जनपद के शिक्षकों ने ब्लॉक वर पंक्तिबद्ध होकर बीएसए कार्यालय से जिलाधिकारी कार्यालय बदायूं की ओर पैदल मार्च किया। इस दौरान शिक्षकों ने काला कानून वापस लो, शिक्षकों की मांगे पूरी करो, राष्ट्र निर्माताओ के साथ अन्याय स्वीकार नहीं आदि नारे लगाते हुए जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंचे। इस दौरान संजीव शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा 2009 में कानून बनाकर टेट की अनिवार्यता को लागू किया था। अब ऐसे में उससे पहले नियुक्त शिक्षकों पर टीईटी के अनिवार्यता थोपी जा रही है। इस निर्णय के बाद से परेशान होकर कई शिक्षकों ने तो आत्महत्या तक कर ली है। उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी करना पड़े इस कानून को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। जिला मंत्री उदयवीर सिंह यादव ने कहा कि पहले हमारा प्रांतीय नेतृत्व सरकार से बात करेगा यदि सरकार नहीं मानी तो दिल्ली में जोरदार आंदोलन किया जाएगा। दहगावां ब्लॉक अध्यक्ष दामोदर सिंह यादव ने कहा कि जब-जब शिक्षकों के साथ अन्याय हुआ तो सरकार को संगठन के आगे झुकना ही पड़ा है। शिक्षकों की सभी समस्याओं का निस्तारण होकर रहेगा। जिला उपाध्यक्ष अनुराग यादव ने कहा कि आर0टी0ई0लागू होने की तिथि से पूर्व के नियुक्त शिक्षकों पर टेट थोपने जैसे अन्यायपूर्ण फैसले से व्यथित होकर प्रदेश के तीन शिक्षकों ने आत्महत्या करने जैसी घटनाओं पर प्रदेश के समस्त शिक्षकों में जबरदस्त रोष व्याप्त है।सलमान खान मंत्री वजीरगंज के द्वारा टेट सेवारत अध्यापकों पर थोपे जाने पर रोष व्यक्त करते हुए माननीय प्रधानमंत्री को प्रेषित ज्ञापन के माध्यम से भी प्रकरण का निस्तारण नहीं होता तो संगठन द्वारा इस निर्णय को वापस करने के लिए आगे की रणनीति तैयार कर ली है। किसी भी हाल में इस कानून को वापस लेना ही होगा।
शिक्षिकाओं ने किया पैदल मार्च, ज्ञापन देने जा रहे हैं शिक्षकों का नेतृत्व-
बीएसए कार्यालय से जिलाधिकारी कार्यालय तक अपने-अपने विकास क्षेत्र के बैनर के पीछे पैदल मार्च कर रहे 15 विकास क्षेत्र के शिक्षकों का नेतृत्व महिला शिक्षिकाओं ने किया। जिला मंत्री उदयवीर सिंह यादव ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आर0टी0ई0 एक्ट लागू होने से पूर्व नियुक्त शिक्षकों के लिए भी अध्यापक पात्रता परीक्षा अनिवार्य करना निश्चित रूप से एक काला कानून है और इस कानून को वापस लेने हेतु देशभर के शिक्षक लामबंद है। किसी भी हाल में शिक्षक का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला कोषाध्यक्ष सुशील चौधरी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से शिक्षकों के लिए विभिन्न स्तरों से नित नए-नए अव्यवहारिक आदेश जारी किए जा रहे हैं बेसिक शिक्षा एवं बेसिक शिक्षकों को प्रयोगशाला बनाकर रख दिया है। निश्चित रूप से शिक्षकों के मान सम्मान से खिलवाड़ किया जा रहा है जो कि किसी हाल में स्वीकार्य नहीं होगा। जिला प्रवक्ता आयुष भारद्वाज ने कहा कि देश की सर्वोच्च संवैधानिक संस्था द्वारा 25 अगस्त 2010 से प्रभावी कानून को उक्त तिथि से पूर्व में नियुक्त शिक्षकों पर थोपना निश्चित रूप से निंदनीय है। उक्त आदेश से देश भर के शिक्षकों में रोष व्याप्त है। यदि उक्त आदेश को वापस नहीं लिया गया तो संगठन शिक्षकों के मान-सम्मान-स्वाभिमान की रक्षा के लिए तत्पर है। चाहे उसके लिए सड़कों पर उतरकर ही संघर्ष क्यो न करना पड़े। सलारपुर ब्लाक अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह पटेल ने कहा कि चाहे विधानसभा का घेराव करना पड़े या संसद का। यह काला कानून शिक्षकों पर किसी हाल में लागू होने नहीं दिया जाएगा। इस दौरान समस्त विकास क्षेत्रों के अध्यक्ष, मंत्री, कोषाध्यक्ष, कार्यसमिति सदस्य, संघर्ष समिति अध्यक्ष, मंत्री, एवं कार्यसमिति सदस्य, समस्त तहसील अध्यक्ष, जिला कार्यकारिणी सदस्य, माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष देशराज सिंह यादव, जिला मंत्री आलोक पाठक, रमेश चंद्र पांडेय, सुधाकर शर्मा आदि समेत तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे।






