बदायूँ। समरथ को नहि दोष गुसाईं वाली बात वजीरगंज के प्राथमिक विद्यालय जुलेहपुरा में पूरी तरह चरितार्थ हो रही है। यहां इंचार्ज हैडमास्टर की हठधर्मिता व मनमुआनी की शिकार हुई रसोइया प्रेमबाला पत्नी अमर सिंह ने अपनी दुखभरी कहानी जिला मजिस्ट्रेट को लिखित शिकायत देते हुए कहा कि वह और उनके पति प्राथमिक विद्यालय जुलेहपुरा में पिछले दो साल से खाना बनाने का काम करते हैं यही उनकी आजीविका का साधन भी है वह अपने पति के साथ पूरी ईमानदारी से बच्चों का खाना बनाने का काम करते हैं।सब कुछ सही चल रहा था कि पिछले वर्ष से विद्यालय व्यवस्था सहायक अध्यापक विजय कुमार के जुम्मे हो गई। जबसे वह इंचार्ज बने उन्होंने मुझे और मेरे पति को मानसिक परेशान करना शुरू कर दिया। कहने लगे मेरा कहना मानो वर्ना तुमको काम नही करने दूगा। अपने झूठे बर्तन धुलवाने का दबाव बनाने लगे।बात न मानने पर जाति सूचक संबोधन का झूठा इल्जाम लगाकर मुझे और मेरे पति को हटाने की धमकी भी दी। मेरे पति ने झगड़ा न बढे रसोइया की नौकरी छोड दी और अब यह मुझे भी हटा रहे हैं।जबकि मेरे पास आय का कोई साधन न होने के कारण मजबूर हूॅ।उनसे बताया कि मास्साब बच्चों को आया राशन अपने घर ले जाते हैं और बच्चों को पीले चावल खिलाते हैं जब हमने विरोध किया तो जबरन हमसे नाम लिखवा कर हमें हटाकर दो और रसोइयों को रख लिया है उन्होंने बताया कि उनका दोष यह है कि वह सामान्य जाति से हैं और इंचार्ज एस सी से हैं लिहाजा वह अक्सर मानसिक परेशान करते रहते हैं। उन्होंने शिकायती पत्र दे जिलाधिकारी से जांचकरा कर दोषी इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में कोई शिक्षक अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल न कर सके।जिलाधिकारी ने बीएसए को आदेश दे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।