 
									सुवीर कुमार त्रिपाठी
क्षेत्र के ग्राम अलीपुर में चल रही श्रीमद भागवत कथा के
अंन्तिम दिन भगवताचार्य पं०राम नरेश पांडेय ने कहां कि मित्रता में
छल नहीं होना चाहिए छल करने से विपन्नता आती हैं उन्होने सुदामा चरित्र
की कथा सुनाते हुए कहां सुदामा ने संदीप ऋषि के आश्रम में गुरुमाता
द्वारा दिये गये चने क्रष्ण को न दे कर स्वमं खा लिये थे जिससे गुरू माता ने उन्हें निर्धन होने का श्राप दे दिया था । आचार्य श्री पांडेय ने कहां कि ईश्वर को प्राप्त करने के दो मार्ग हैं ।
प्रेम व अत्याचार दवारा- है ।कंश व दक्ष, रावण ,बाली, आदि अत्याचारो के बल ईश्वर की
प्राप्ति की थी । तथा सुदामा ,ध्रुव केवट, शबरी, आदि ने प्रेम मार्ग पर चलकर
ईश्वर की प्राप्ति की थी । उन्होने ईश्वर की प्राप्ति पाने का
प्रेम मार्ग ही बताया हैं । इस दौरान गौरव तिवारी ,उत्तम शुक्ला ,राम गोविंद पांडेय आदि लोग मौजूद थे ।






