एनीमल ब्रीडिंग सेन्टर सलोन द्वारा पैरावेट्स के लिए प्रशिक्षण का आयोजन

पंकज तिवारी ब्यूरो चीफ cni 18 news

कालाकांकर प्रतापगढ़।कृषि विज्ञान केंद्र, कालाकांकर, प्रतापगढ़ के सभागार में 12 सितम्बर, 2025 दिन शुक्रवार को एनीमल ब्रीडिंग सेंटर सलोन द्वारा पैरावेट के लिए कृत्रिम गर्भाधान तकनीक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के पैरावेट्स कार्यकर्ताओं को कृत्रिम गर्भाधान (।प्ज्) की नवीनतम तकनीकों से अवगत कराना एवं 90 प्रतिशत बछिया पैदा करने वाले सीमेन की वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करना था।
कार्यक्रम की शुरूआत एनीमल ब्रीडिंग सेंटर सलोन के महाप्रबंधक डा0 सी.टी. पटेल जी ने किया तथा पैरावेट को सम्बोधित करते हुए कहा कि “हमारा उद्देश्य पैरावेट्स को आधुनिक सीमेन तकनीकों से प्रशिक्षित करना है ताकि वे जमीनी स्तर पर किसानों की मदद कर सकें। 90 प्रतिशत बछिया सीमेन का प्रयोग ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकता है।” कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. नवीन कुमार सिंह ने कहा, “आज पशुपालन केवल परंपरागत कार्य नहीं रहा, यह वैज्ञानिक समझ और तकनीकी दक्षता का क्षेत्र बन चुका है। पैरावेट्स की भूमिका गांवों में पशुपालकों को सही तकनीकी मार्गदर्शन देने में बेहद अहम है।” पशु चिकित्सक डॉ. प्रसेनजीत देबनाथ ने कहा, “पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने और नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान तकनीक कारगर है। 90 प्रतिशत बछिया सीमेन तकनीक किसानों के लिए लाभकारी साबित होगी।”सहायक प्रबंधक श्री विपुल कुमार ने कहा, “हमारा फोकस क्वालिटी और पहुंच दोनों पर है। हर पैरावेट तक उच्च गुणवत्ता वाला सीमेन पहुंचाना हमारा लक्ष्य है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी नस्ल सुधार संभव हो सके।” मैनेजर डॉ. उमेश त्रिपाठी ने कहा, “कृत्रिम गर्भाधान के क्षेत्र में पैरावेट्स की कुशलता ही इस मिशन की सफलता की कुंजी है। ऐसे प्रशिक्षण से उनकी दक्षता और आत्मविश्वास दोनों बढ़ते हैं।” गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी श्री करूणेश सिंह राठौर ने बताया, “सीमेन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। हर डोज वैज्ञानिक परीक्षणों से गुजरता है ताकि जमीनी स्तर पर बेहतर परिणाम मिलें।”
वरिष्ठ अधिकारी (मार्केटिंग एवं सेल) श्री अनुज शुक्ला ने विस्तार से सीमेन तकनीक, उसके अनुप्रयोग और विपणन रणनीतियों एवं नकली सीमेन के प्रति लोगो को अवगत कराया। उन्होंने कहा, 90 प्रतिशत बछिया देने वाला सीमेन एक गेम-चेंजर है। इससे न केवल नस्ल सुधार होगा, बल्कि किसानों की आय में भी सीधा लाभ पहुंचेगा। मार्केटिंग टीम सुनिश्चित करती है कि हर पैरावेट तक यह तकनीक पहुंचे।” तकनीकी सत्र में अधिकारियों द्वारा पैरावेट की समस्याओं का समाधान भी किया।
इस कार्यक्रम में जनपद प्रतापगढ़ के पैरावेट श्री रमेश नारायण पाण्डेय, विजय सिंह, हरिशंकर शुक्ला, शुभम कुमार, संतोष कुमार गुप्ता, रमेश यादव, संदीप कुमार, शिसिर, श्याम बाबू सहित 40 लोग उपस्थित रहे।

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