
मथुरा। बंगाल में वक्फ कानून के विरोध की आड़ में हिंदुओं को प्रताड़ित करना तथा ऐसे तत्वों को अपने षडयंत्रों में के कामयाब होने की खुली छूट देना अव चिंता का सबब बन गया है। मुर्शिदाबाद से शुरू हुई भीषण हिंसा संपूर्ण बंगाल को अपनी आगोश में लेती दिखाई दे रही है। इसकी रोकथाम के लिए बना प्रशासन भी इनके लिए प्रेरक बन गया है। राष्ट्र विरोधी तत्वों को उनके कुकर्मों की सजा देने के लिए केंद्र सरकार को अब आगे आना चाहिए। बताते चलें कि मुस्लिम भीड़ में 11 अप्रैल को बापू कानून विरोध के नाम पर हिंसक प्रदर्शन करते हुए हिंदुओं पर जमकर आक्रमण किया। जिससे साफ पता चलता है की वक्फ कानून का विरोध तो मात्र बहना है असली उद्देश्य तो मुर्शिदाबाद को हिंदू भी बनाना है जिसके चलते यहां अनुमति दिया तथा व्यावसायिक दुकानों को लूट कर जला दिया कथा तीन नागरिकों की निर्मल हत्या भी कर दर्जन महिलाओं के साथ बस शुरू की की गई जिसे चलते 500 से भी ज्यादा हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद से पलायन करना पड़ा। उसके बज यू बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी न केवल इमाम से मिल रही है बल्कि उनका पूरा साथ निभा रही है। जब यह सारे मामले सामने आए तो लोगों को सुश्री ममता की असलियत भी दिखाई देने लगी है कि कैसे बांग्लादेशी व रोहिंग्या देश में लगातार आ रहे हैं। यही नहीं पाकिस्तानी आतंकी संगठन भी यहां सक्रियता कैसे बनाए हुए है। बंगाल में तारामुल सरकार के कार्यकाल में कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से नष्ट हो चुकी है सरकार गुजराती गुंडो के नियंत्रण में है। इस प्रदेश को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। इन सभी मामलों को लेकर शनिवार को जिला मुख्यालय पर विश्व हिंदू परिषद ने महाराष्ट्र के केंद्रीय सह संगठन मंत्री विनायक राव देशपांडे महानगर अध्यक्ष कन्हैयालाल अग्रवाल के नेतृत्व में महामहिम राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।