ऐश्वर्या भाटिया ने दिखाई कॉलेज जीवन से कॉर्पोरेट जगत तक की राह

बीtबीए छात्र-छात्राओं को करियर निर्माण की जानकारी देते हुए रिक्रूटमेंट स्पेशलिस्ट ऐश्वर्या भाटिया।
मथुरा। आज के प्रतिस्पर्धी दौर में केवल किताबों का ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है। आज की युवा पीढ़ी को ऐसे कौशल की आवश्यकता है जो उन्हें कॉर्पोरेट संस्कृति में सहजता से ढलने में मदद कर सके। अब सफलता पारम्परिक रैखिक करियर पथ से नहीं बल्कि अनुकूलता, निरंतर सीखने और रणनीतिक पुनर्निर्माण से परिभाषित होती है। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट, मथुरा की पूर्व छात्रा तथा टेलस डिजिटल (नोएडा) की रिक्रूटमेंट स्पेशलिस्ट ऐश्वर्या भाटिया ने बीबीए छात्र-छात्राओं को बताईं।
रिसोर्स पर्सन ऐश्वर्या भाटिया ने “कैम्पस से करियर तक: उद्देश्यपूर्ण मार्ग बनाना” विषय पर अपने अनुभव साझा करते हुए कॉलेज जीवन से लेकर कॉर्पोरेट जगत तक की यात्रा पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने छात्र-छात्राओं से शैक्षणिक ज्ञान और व्यावसायिक दुनिया के बीच की खाई को पाटने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि दुनिया में एकमात्र स्थायी चीज़ “परिवर्तन” है। तकनीकी कौशल की “आधी उम्र” पहले से कहीं अधिक कम हो चुकी है, जहाँ कुछ तकनीकी स्किल्स दो-ढाई वर्षों में अप्रासंगिक हो जाती हैं वहीं सॉफ्ट स्किल्स लम्बे समय तक उपयोगी रहती हैं।
आधुनिक जॉब मार्केट को आकार देने वाले रुझानों पर चर्चा करते हुए ऐश्वर्या भाटिया ने आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन के बढ़ते प्रभाव, गिग और फ्रीलांस अर्थव्यवस्था के उदय, डिग्री से कौशल की ओर बदलाव तथा ग्रीन ट्रांज़िशन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को सामने रखा। उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण और जलवायु कार्रवाई की दिशा में नए रोजगार और कौशलों की मांग बढ़ रही है और 2030 तक इससे लगभग 3.4 करोड़ नए रोजगार सृजित हो सकते हैं।
छात्र-छात्राओं को उन्होंने रचनात्मक समस्या समाधान, आलोचनात्मक एवं विश्लेषणात्मक सोच, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, संवाद और सहयोग कौशल पर बल दिया। साथ ही उन्होंने डिजिटल साक्षरता, एआई साक्षरता और डेटा फ्लुएंसी जैसी तकनीक-केंद्रित स्किल्स पर भी विशेष ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अनुकूलता और आजीवन सीखना ऐसे “मेटा स्किल्स” हैं जो विद्यार्थियों को हर परिस्थिति में आगे बढ़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। सत्र के दौरान उन्होंने नेटवर्किंग के महत्व पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि उद्योग पेशेवरों से मजबूत संबंध बनाना और उनका उपयोग करियर प्रगति में करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। इस इंटरेक्टिव सत्र से छात्र-छात्राओं ने न केवल आधुनिक नौकरी बाजार की गहरी समझ हासिल की बल्कि व्यावहारिक सुझाव भी प्राप्त किए, जिन्हें वे अपने भविष्य के करियर में सीधे लागू कर सकते हैं।
राजीव अकादमी के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने कहा कि ऐसे गेस्ट लेक्चर्स भावी पीढ़ी को इंडस्ट्री-रेडी बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐश्वर्या भाटिया का अनुभव और प्रेरणादायक विचार भावी पीढ़ी को करियर निर्माण की वास्तविकताओं को समझने में जरूर मदद करेंगे। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने छात्र-छात्राओं को ऐसे अवसरों का लाभ उठाते हुए अपने कौशल को विकसित करने का आह्वान किया। संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने अतिथि वक्ता का बेशकीमती समय और अनुभव प्रदान करने के लिए आभार माना।
चित्र कैप्शनः बीtबीए छात्र-छात्राओं को करियर निर्माण की जानकारी देते हुए रिक्रूटमेंट स्पेशलिस्ट ऐश्वर्या भाटिया।


मथुरा। आज के प्रतिस्पर्धी दौर में केवल किताबों का ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है। आज की युवा पीढ़ी को ऐसे कौशल की आवश्यकता है जो उन्हें कॉर्पोरेट संस्कृति में सहजता से ढलने में मदद कर सके। अब सफलता पारम्परिक रैखिक करियर पथ से नहीं बल्कि अनुकूलता, निरंतर सीखने और रणनीतिक पुनर्निर्माण से परिभाषित होती है। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट, मथुरा की पूर्व छात्रा तथा टेलस डिजिटल (नोएडा) की रिक्रूटमेंट स्पेशलिस्ट ऐश्वर्या भाटिया ने बीबीए छात्र-छात्राओं को बताईं।
रिसोर्स पर्सन ऐश्वर्या भाटिया ने “कैम्पस से करियर तक: उद्देश्यपूर्ण मार्ग बनाना” विषय पर अपने अनुभव साझा करते हुए कॉलेज जीवन से लेकर कॉर्पोरेट जगत तक की यात्रा पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने छात्र-छात्राओं से शैक्षणिक ज्ञान और व्यावसायिक दुनिया के बीच की खाई को पाटने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि दुनिया में एकमात्र स्थायी चीज़ “परिवर्तन” है। तकनीकी कौशल की “आधी उम्र” पहले से कहीं अधिक कम हो चुकी है, जहाँ कुछ तकनीकी स्किल्स दो-ढाई वर्षों में अप्रासंगिक हो जाती हैं वहीं सॉफ्ट स्किल्स लम्बे समय तक उपयोगी रहती हैं।
आधुनिक जॉब मार्केट को आकार देने वाले रुझानों पर चर्चा करते हुए ऐश्वर्या भाटिया ने आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन के बढ़ते प्रभाव, गिग और फ्रीलांस अर्थव्यवस्था के उदय, डिग्री से कौशल की ओर बदलाव तथा ग्रीन ट्रांज़िशन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को सामने रखा। उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण और जलवायु कार्रवाई की दिशा में नए रोजगार और कौशलों की मांग बढ़ रही है और 2030 तक इससे लगभग 3.4 करोड़ नए रोजगार सृजित हो सकते हैं।
छात्र-छात्राओं को उन्होंने रचनात्मक समस्या समाधान, आलोचनात्मक एवं विश्लेषणात्मक सोच, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, संवाद और सहयोग कौशल पर बल दिया। साथ ही उन्होंने डिजिटल साक्षरता, एआई साक्षरता और डेटा फ्लुएंसी जैसी तकनीक-केंद्रित स्किल्स पर भी विशेष ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अनुकूलता और आजीवन सीखना ऐसे “मेटा स्किल्स” हैं जो विद्यार्थियों को हर परिस्थिति में आगे बढ़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। सत्र के दौरान उन्होंने नेटवर्किंग के महत्व पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि उद्योग पेशेवरों से मजबूत संबंध बनाना और उनका उपयोग करियर प्रगति में करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। इस इंटरेक्टिव सत्र से छात्र-छात्राओं ने न केवल आधुनिक नौकरी बाजार की गहरी समझ हासिल की बल्कि व्यावहारिक सुझाव भी प्राप्त किए, जिन्हें वे अपने भविष्य के करियर में सीधे लागू कर सकते हैं।
राजीव अकादमी के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने कहा कि ऐसे गेस्ट लेक्चर्स भावी पीढ़ी को इंडस्ट्री-रेडी बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐश्वर्या भाटिया का अनुभव और प्रेरणादायक विचार भावी पीढ़ी को करियर निर्माण की वास्तविकताओं को समझने में जरूर मदद करेंगे। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने छात्र-छात्राओं को ऐसे अवसरों का लाभ उठाते हुए अपने कौशल को विकसित करने का आह्वान किया। संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने अतिथि वक्ता का बेशकीमती समय और अनुभव प्रदान करने के लिए आभार माना।

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