
मथुरा। उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के चाहे जितने भी दावे कर लें लेकिन धरातल पर खोखले साबित हो रहे हैं। मथुरा-वृंदावन के विकास को लेकर योगी आदित्यनाथ जितने सजग हैं, लेकिन यहां उन्हीं के अधीनस्थ भ्रष्टाचार करने में उतने ही निपुण दिखाई देते हैं। ऐसा ही मामला देखने को मिला मथुरा-वृंदावन नगर निगम में जहां दयाचरण एंड कम्पनी को करोड़ों का टेंडर कूड़े के निस्तारण का दिया गया और चर्चा के अनुसार उसके एवज में मोटा कमीशन लेकर दिए गए कार्य को बगैर पूरा किए ही पूर्ण दिखा कर पेमेंट किया जा रहा है। न तो इन भ्रष्टाचारियों को शासन का डर है और न ही प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ का। दया चरण एंड कम्पनी ने नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर जिस जहरीले आरडीएफ को नष्ट किया जाना चाहिए था उस जहरीले आरडीएफ को जगह जगह डलवा दिया और लोगो को फ्री में तमाम बीमारी दे दीं।
सूत्रों के अनुसार दयाचरण एंड कम्पनी द्वारा लगभग 129 गाड़ियां डंपिंग यार्ड से जहरीले आरडीएफ की निकाली गई जिनका कांटा राया के एक धर्म कांटे पर कराया गया। मजे की बात तो ये है कि जिन गाड़िया का कांटा कराया गया उन गाड़ियों में इतना आरडीएफ दिखाया गया जो कि सम्भव ही नहीं है जो गाड़ी वजन सहित 40 टन में पास है उस गाड़ी में गाड़ी के वजन को निकाल कर 57 टन आरडीएफ की पर्चियां लगा दी। जबकि ट्रांसपोर्ट का काम करने वाले जानकारों की माने तो किसी भी गाड़ी में 20 से 25 टन आरडीएफ ही जा सकता है क्योंकि आरडीएफ में वजन कम होने की वजह से इतना टन आरडीएफ गाड़ी में नहीं भरा जा सकता। पूर्व में कई खबरें एवं उक्त खबर सोशल साइट्स पर वायरल हो रही है। इन सभी को लेकर आयुक्त नगर निगम मथुरा-वृन्दावन से पक्ष जानने के लिए मोबाइल से सम्पर्क करने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो सकी ।