
वृंदावन, 4 मई। गीता शोध संस्थान, वृंदावन के सभागार में आज अखिल भारतीय साहित्य परिषद ब्रज प्रांत के तत्वावधान में ‘सर्व भाषा साहित्यकार सम्मान समारोह’ का भव्य आयोजन संपन्न हुआ। समारोह में कौरवी, ब्रज, खड़ी बोली, बुंदेली, अवधी एवं भोजपुरी भाषाओं के लगभग 101 मूर्धन्य साहित्यकारों, समाजसेवियों एवं पर्यावरणविदों को क्रमशः ‘सर्व भाषा साहित्यकार गौरव सम्मान’, समाज गौरव सम्मान एवं पर्यावरण गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्वाह्न 11 बजे परमपूज्य अनन्त वीर्य जी (महामण्डलेश्वर, अक्षय पात्र आश्रम) के कर-कमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील चन्द्र त्रिवेदी ‘मधुपेश’, राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री मनोज कुमार तथा राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. पवन पुत्र “बादल” की गरिमामयी उपस्थिति ने समारोह की भव्यता को द्विगुणित कर दिया।
समारोह दो सत्रों में सम्पन्न हुआ, जिसमें प्रदेश के विविध अंचलों से पधारे प्रख्यात साहित्यकारों की उपस्थिति रही। ब्रज प्रांत प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. सुरेश बाबू मिश्रा ने समारोह की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए विविध भाषाओं के साहित्यिक योगदान को राष्ट्रीय एकता का आधार बताया।
कार्यक्रम के समापन सत्र में पहलगाम के बलिदानियों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई तथा शोक प्रस्ताव पारित किया गया।
इस अवसर पर गीता शोध संस्थान के ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ एवं प्रांतीय संरक्षक डॉ. उमेशचंद्र शर्मा ने समारोह की सफलता हेतु गठित आयोजन समिति के कार्यों की सराहना की। समिति में डॉ. अजीत कुमार जैन, डॉ. एस.पी. मौर्य, संजय पांडेय ‘गौहर’, विकास सारस्वत, डॉ. चंद्र प्रकाश शर्मा, संतोष मिश्रा, प्रो. पुरुषोत्तम पाटील, अंजना अंजुम, निरूपमा अग्रवाल, ऋषि जी, शेखर जी, कृपांशु खूबचंदानी सहित अन्य प्रांतीय पदाधिकारी शामिल थे।
कार्यक्रम का संचालन प्रांतीय संयुक्त मंत्री डॉ. पुरुषोत्तम पाटील एवं संगठन मंत्री अंजना अंजुम ने किया। समारोह ने न केवल भाषाई विविधता का उत्सव प्रस्तुत किया, बल्कि भारतीय संस्कृति की बहुलता में एकता का सशक्त उदाहरण भी प्रस्तुत किया।