मन टूटता हैं तो इसका इलाज भी उतना ही जरूरी है, जितना शारीरिक बीमारी का : किशन चौधरी

केएम विवि में हुआ विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर विविध कार्यक्रम

मेंटल हेल्थ सही नहीं होगी तो पर्सनल, प्रोफेशनल लाइफ होंगी प्रभावित : कुलपति

मानसिक स्वास्थ्य को भी इमरजेंसी रेस्पॉन्स सिस्टम का हिस्सा बनाएं : प्रति कुलपति

मथुरा। केएम विश्वविद्यालय में ‘आपदा और आपातकालीन परिस्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य‘ थीम पर वर्ल्ड मेंटल हेल्‍थ डे’ (विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस) मनाया गया। जिसका आयोजन मनोरोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हरीश चंद्र, डॉ. नम्रता भारद्वाज, डॉ. नमित गौतम सहित विभागीय रेजीडेंट डाक्टर्स ने किया। विवि में वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे पर पोस्टर प्रतियोगिता, साइकियाट्री क्विज़ प्रतियोगिता सहित विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिसका शुभारंभ विवि के कुलाधिपति किशन चौधरी, कुलपति डा. एनसी प्रजापति, प्रति कुलपति डा. शरद अग्रवाल, कुलसचिव डा. पूरन सिंह, मेडीकल प्राचार्य डा. पीएन भिसे ने सरस्वती मां की मूर्ति पर माला पहनाकर व दीप प्रज्जवलित करके किया।
एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कुलाधिपति किशन चौधरी ने कहा लोग सोचते हैं कि जब हालात ठीक हो जाएंगे, तो मन भी अपने आप ठीक हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं होता। जब मन टूटता हैं तो इसका भी उतना ही जरूरी है, जितना किसी शारीरिक बीमारी का। लोग सफलता पाने के लिए दौड़ रहे हैं, बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल और हद से ज्यादा स्ट्रेस लेकर सफलता भले ही न मिले, लेकिन इससे मेंटल हैल्थ प्रॉब्लम्स जरूर मिल जाती हैं। जिसके प्रति हम सभी को सजग होने और दूसरों को जागरूक करना चाहिए। कुलपति डा. एनसी प्रजापति ने कहा मेंटल हेल्थ को सही रखकर ही ओवरऑल हेल्थ को दुरुस्त रखा जा सकता है, अगर किसी व्यक्ति की मेंटल हेल्थ सही नहीं होगी, तो उसकी पर्सनल लाइफ से लेकर प्रोफेशनल लाइफ बुरी तरह प्रभावित होने लगेगी।
प्रति कुलपति डा. शरद अग्रवाल ने मेंटल हेल्थ डे थीम ‘‘आपदा और आपातकालीन परिस्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य’’ पर प्रकाश डालते हुए कहा आपदा या इमरजेंसी की हालत में अगर मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की देखभाल साथ में मिले, तो इंसान जल्दी संभलता है। ये ज़रूरी है कि हम मानसिक स्वास्थ्य को भी इमरजेंसी रेस्पॉन्स सिस्टम का हिस्सा बनाएं।” एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नमित गौतम ने कहा शरीरिक चोट तो भर जाते है, लेकिन मन की शांति लौटाने में वक्त और सहारा दोनों लगते हैं। वहीं कार्यक्रम को मेडीकल प्राचार्य पीएन भिसे ने संबोधित किया।
इससे पूर्व एमबीबीएस छात्रों के लिए विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और छात्रों में रचनात्मक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करना था। वहीं मनोरोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हरीश चंद्र द्वारा ’“मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता”’ विषय पर एक प्रेरणादायक टॉक शो प्रस्तुत किया। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नम्रता भारद्वाज ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वर्ष 2025 के थीम ’“सेवाओं तक पहुँचः आपदा और आपातकालीन परिस्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य”’ पर विस्तार से चर्चा की। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नमित गौतम द्वारा एक रोचक साइकियाट्री क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व पर अपने विचार साझा किए। इसके अतिरिक्त, मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने हेतु एक लघु फिल्म (शॉर्ट फिल्म) भी प्रदर्शित की गई। विभिन्न प्रतियोगिता के विजेता एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को कुलाधिपति ने ट्रॉफी और प्रमाण पत्र देकर पुरूस्कृत किया। कार्यक्रम में केएम हॉस्पिटल के मेडीकल सुपीटेंट डा. अभय शूद, एडीशनल मेडीकल सुप्रीटेंट डा. आरपी गुप्ता के अलावा सभी फैकल्टी के विभागाध्यक्ष, पीजी डाक्टर्स, एमबीबीएस के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. नमित गौतम ने किया तथा डा. हरीश चन्द्र ने आभार व्यक्त किया।

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